01.03.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 01.03.2018
Updated: 02.03.2018

Update

👉 KGF- प्रतिक्रमण कार्यशाला व प्लास्टिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
👉 राजराजेश्वरीनगर, बेंगलुरु- जैन संस्कार विधि से सामूहिक जन्म दिवस का आयोजन
👉 हिसार - 69 वां अणुव्रत स्थापना दिवस कार्यक्रम
👉 टी नरसीपुर - होली चातुर्मासिक कार्यक्रम
👉 सोलापुर - होली चातुर्मासिक कार्यक्रम
👉 अहमदाबाद - अणुव्रत रैली का आयोजन
👉 अहमदाबाद - 69 वां अणुव्रत स्थापना दिवस कार्यक्रम
👉 जयपुर - आध्यात्मिक मिलन
👉 सूरत - 69 वां अणुव्रत स्थापना दिवस कार्यक्रम
👉 ब्यावर - प्रतिक्रमण जागरूक कार्यशाला का आयोजन
👉 तिरुकलिकुण्ड्रम - प्रतिक्रमण जागरूक कार्यशाला का आयोजन
👉 तिरुकलिकुण्ड्रम - बने श्रेष्ठ अभिभावक सेमिनार का आयोजन
👉 हुबली - "उन्नति" अभातेमम की संघठन यात्रा

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

*सूरत में विराजित चरित्र आत्माओ के सम्भावित विहार/प्रवास संबधित सूचना -*

*दिनांक 01-03-2018*

*मुनि श्री संजयकुमारजी, मुनि श्री प्रसन्नकुमार जी* आदि ठाणा-4 तेरापंथ भवन, उधना विराज रहे है।।

प्रातः कालीन प्रवचन समय - 9:15 से 10:15
रात्रि कालीन प्रवचन का समय - 9:15 से 10:15

सम्पर्क सूत्र - क़ासिद 74868 35128

---------------------------------------------------------
🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
---------------------------------------------------------

*मुनि श्री कमल कुमार जी* ठाणा 3 तेरापंथ भवन, सिटी लाइट विराज रहे है।

प्रवचन समय - प्रातः 8:30 से 12:30

---------------------------------------------------------
🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
---------------------------------------------------------

*'शासनश्री' साध्वी श्री सरस्वतीजी* आदि ठाणा 4 तेरापंथ भवन, पर्वत पाटिया विराज रहे है।

प्रातःकालीन प्रवचन का समय - 9:00 से 10:00

संपर्क: नारायण क़ासिद 94088 35666

------------------------------------------------------------
🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
------------------------------------------------------------

*'शासनश्री' साध्वी श्री पदमावतीजी* आदि ठाणा-4 श्री दिलबागराय जैन, C-104, आशीर्वाद पैलेस, भटार, सूरत विराज रहे है।

सम्पर्क सूत्र - क़ासिद कुपसिंह - 84336 05055
---------------------------------------------------------
🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
---------------------------------------------------------

*'शासनश्री' साध्वी श्री मधुबालाजी* आदि ठाणा 5 तेरापंथ भवन, बसेरा सोसाइटी, कामरेज विराज रहे है।

संपर्क: 81284 81090

---------------------------------------------------------
🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
---------------------------------------------------------

*शासन श्री साध्वी ललीतप्रभाजी* ठाणा -4 महावीरजी कोठारी के नए घर 35, श्रीजी रो-हाउस, L.D.HIGH SCHOOL के सामने, सचिन विराज रहे है।

प्रवचन का समय - रात्रि 8:45 से 9:45

---------------------------------------------------------
🌀🌀 संघ संवाद 🌀🌀 संघ संवाद
---------------------------------------------------------

प्रस्तुति -🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 271* 📝

*मुक्ति-दूत आचार्य मानतुंग*

*जीवन-वृत्त*

गतांक से आगे...

दिगंबर परंपरा के अनुसार महाकवि आचार्य मानतुंग श्वेतांबर थे। एक दिगंबराचार्य द्वारा व्याधि मुक्त होने पर उन्होंने दिगंबर मार्ग का अनुसरण किया और प्रश्न पूछा *'भगवन्! किं क्रियताम्'* (मैं क्या करूं?) गुरु ने आज्ञा दी *'परमात्मनो गुणगणस्तोत्रं विधीयताम्'* (परमात्मा के गुणों के स्तोत्र की रचना करो।) आचार्य का आदेश प्राप्त कर मुनि मानतुंग ने भक्तामर स्तोत्र की रचना की। यह उल्लेख दिगंबर विद्वान् आचार्य प्रभाचंद्र रचित 'क्रियाकलाप' टीका के अंतर्गत भक्तामर स्तोत्र टीका की उत्थानिका में है। वह उत्थानिका इस प्रकार है—

*'मानतुङ्गनामा सिताम्बरो महाकविः निर्ग्रंथाचार्य वर्यैरपनीतमहाव्याधिप्रतिपन्ननिर्ग्रंथमार्गो भगवत्! किं क्रियतामिति ब्रुवाणो भगवता परमात्मनो गुणगणस्तोत्र विधीयतामित्यादिष्टः भक्तामरेत्यादि।'*

श्वेतांबर परंपरा के अनुसार आचार्य मानतुंग ने पहले दिगंबर और बाद में श्वेतांबर दीक्षा ग्रहण की। दिगंबर परंपरा के अनुसार वे पहले श्वेतांबर बाद में दिगंबर बने। एक ही व्यक्ति के जीवन प्रसंग को लेकर दोनों परंपराओं में विसंगति और विपर्यय कैसे हुआ? इसके पीछे किसी प्रकार की भूमिका अवश्य रही है। भक्तामर स्तोत्र से संबंधित इस चामत्कारिक घटना के कारण आचार्य मानतुंग का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली हो गया था जिससे स्तोत्र रचना प्रसंग के साथ दोनों संप्रदायों ने उन्हें अपना मानने का प्रयत्न किया है।

जिन शासन में मानतुंग धर्म के अतिशय उद्द्योतक आचार्य हुए। उन्होंने अपने शिष्यों को अनेक प्रकार से बोध देकर योग्य बनाया। गुणाकर नामक शिष्य को अपने पद पर स्थापित कर वे इंगिनी अनशन के साथ स्वर्ग पधारे।

*मुक्ति-दूत आचार्य मानतुंगसूरि द्वारा रचित साहित्य* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜ 🔆

🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 95* 📝

*उत्तमचंदजी बैंगानी*

*ठाकुर से अनबन*

बीदासर में उस समय ठाकुर बहादुरसिंहजी थे। उन्होंने अनेक कार्य ऐसे किए जो स्थानीय जनता के लिए अत्यंत दुःखदाई थे। बेगार का बड़ा जोर था। 'नूता' और 'भाच' के रूप में लिए जाने वाले करों के उगाहने में बड़ी मनमानी चलती थी। यहां तक कि पीने का पानी भरने में भी कुएं पर ठाकुर के लोग अनेक कठिनाइयां उत्पन्न करते रहते थे। सामान्य जन तो ठाकुर की ज्यादतियों को चुपचाप सह लेने में ही अपना कल्याण सोचता था, परंतु उत्तमचंदजी आदि कुछ समर्थ व्यक्तियों ने उनके गलत कार्यों का विरोध किया और सुव्यवस्था करने के लिए अनेक सुझाव रखे। शासक ने उनके कथन के औचित्य की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रत्युत उन्हें अपना विरोधी समझकर खिंचाव उत्पन्न कर लिया। ज्यों-ज्यों समय गुजरता गया त्यों-त्यों परस्पर खिंचाव के नए आयाम बनते और बढ़ते चले गए।

एक बार उत्तमचंदजी ने अपनी हवेली के ऊपर कमरा बनवाना प्रारंभ किया। ठाकुर साहब को जब उसका पता चला तो उन्होंने बख्शीराम लाडखानी को भेजकर कहलवाया कि हवेली के ऊपर जो कमरा बनवाया जा रहा है, उसे बंद कर दिया जाए। क्योंकि इतनी ऊंचाई से गढ़ का अंतर्भाग दिखाई देने लगेगा। उत्तमचंदजी ने लाडखानी को कहा— "हवेली घर से काफी दूर है। गढ़ की दीवारें बहुत ऊंची हैं, मैं इस कमरे के ऊपर एक और कमरा बनवा लूं तो भी गढ़ का अंतर्भाग दिखने की कोई संभावना नहीं है।' लाडखानी ने उनकी बात को अनसुना करते हुए कहा— 'दिखता हो या न दिखता हो, आपको यह कमरा नहीं बनवाने दिया जाएगा।' उत्तमचंदजी ने भी तब उतनी दृढ़ भाषा में कहा— 'यह तो बनेगा, ठाकुर साहब को कुछ करना हो तो न्यायालय में जाएं।' लाडखानी इस बात से आपे से बाहर हो गया और गाली गलौज पर उतर आया। उत्तमचंदजी ने भी अपने नौकरों के द्वारा उसे मुहल्ले से बाहर निकलवा दिया। उसी दिन से ठाकुर साहब के साथ उत्तमचंदजी की अनबन और गहरी हो गई। ठाकुर साहब बहुत समर्थ व्यक्ति थे तो उत्तमचंदजी भी कोई कम नहीं थे। उन्होंने निर्भयतापूर्वक अपनी हवेली पर बनने वाला कमरा पूरा करवा लिया। ठाकुर साहब के आदमियों ने हर प्रकार से उनके काम में बाधा डालने का प्रयास किया, परंतु वे कहीं भी सफल नहीं हो सके।

*लाडनूं प्रवास*

ठाकुर साहब के मन में उत्तमचंदजी के प्रति इतना रोष हो गया कि वे किसी भी बहाने उन्हें नीचा दिखाने का अवसर खोजने लगे। उत्तमचंदजी भी उस स्थिति से अनभिज्ञ नहीं थे। वे अपना दाव देख रहे थे। वे बीकानेर नरेश डूंगरसिंहजी तक ठाकुर साहब के अन्यायों का चिट्ठा पहुंचा देना चाहते थे। परंतु वह कोई सहज कार्य नहीं था। ठाकुर साहब को पता लग जाने पर उनके प्राणों को भी खतरा हो सकता था। दूसरी कठिनाई यह भी थी कि ठाकुर साहब बीकानेर राज्य के संसद के सदस्य थे, अतः वहां की जाने वाली प्रत्येक कार्यवाही का उन्हें झट पता लग जाने की संभावना थी। सारी स्थितियों पर सुचारू रूप से विचार कर लेने के पश्चात् वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि खतरों से बचने के लिए उन्हें जोधपुर राज्य में रहकर कार्यवाही करनी चाहिए।

आवश्यक व्यवस्था कर लेने के पश्चात् उत्तमचंदजी आदि कई परिवार अपने परिजनों तथा संपत्ति की सुरक्षा के लिए संवत् 1932 में बीदासर को छोड़कर लाडनूं चले गए। बीदासर में हवेलियों की सुरक्षा के लिए वे पूरी व्यवस्था करके गए थे।

*श्रावक उत्तमचंदजी बैंगानी ने ठाकुर साहब के खिलाफ कार्यवाही कैसे की...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

News in Hindi

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Sources

Sangh Samvad
SS
Sangh Samvad

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. अनशन
  2. आचार्य
  3. आचार्य महाप्रज्ञ
  4. भाव
  5. सोलापुर
Page statistics
This page has been viewed 283 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: