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खजुराहो में अध्यात्म सरोवर के राजहंस आचार्य विद्यासागर जी सासंघ चातुर्मास करने जा रहे हैं.. यहाँ 22 जिन मंदिर हैं.. आप Railway/Roadway/By Air आरहे हो तो कैसे आए.. खजुराहो के फ़ोन contact नम्बर.. पास के क्षेत्र कौन कौन से हैं।। सब एक screenshot में 🙂🙂😀 Be helping hands.. #share it maximum 😍
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जैसे सूर्य का प्रकाश दिन में इतना अधिक है कि उसके आलोक के आगे तारामंडल दिखते नहीं है और चंद्रमा दीखता नहीं हैं.. रहता वही हैं आकाश मंडल में ही.. सूर्य की भांति हमारे जीवन से मोह रूपी अंधकार को हटाना ही जीवन की सार्थकता है #आचार्यश्री_विद्यासागर
दिन में आप सूर्य को ही मात्र देख सकते हैं ज्योतिष मंडल में बहुत प्रकार के तारामंडल विद्यमान रहते हैं सूर्य के प्रकाश से हम सभी वस्तुओं को तो देख सकते हैं परंतु ज्योतिष में विद्यमान तारामंडल को नहीं देख सकते। तारामंडल बहुत चमकदार होते हैं । लेकिन प्रभाकर का प्रकाशपुंज इतना तेज होता है कि उस प्रकाश के कारण संपूर्ण तारामंडल लुप्त रहता है । चंद्रमा ज्योतिष मण्डल मे गायब तो नहीं होता लेकिन पर वह अपना प्रकाश भी नहीं फैला पाता है चंद्रमा अपना प्रकाश सूर्य के सामने नहीं फेंक सकता । ऐसा क्यों होता है की संपूर्ण तारामंडल और चंद्रमा सूर्य के आलोक के कारण अपना प्रकाश दिखाने में फीके पड़ जाते हैं सूर्य का तेज इतना अधिक है कि उसके आलोक के आगे तारामंडल दिखते नहीं है और चंद्रमा का दिखना औपचारिकता मात्र रहता है । लेकिन दिन मे उससे प्रकाश प्राप्त नहीं होता । हाँ एक दिन ऐसा भी आता है जब ग्रहण के समय जब सूर्य के तेज राहु के कारण छिप जाता है। लेकिन सूर्य का प्रकाश धरती पर रहता है। और हम सभी राहु के बीच में आ जाने के कारण भी एक दूसरे को देख सकते हैं। यही हाल हमारे जीवन का है मोह रूपी अंधकार हमारे जीवन से प्रकाश खत्म कर देता है । हमारी आत्मा का तेज सूर्य के समान है परंतु अभी हमारा जीवन अंधकारमय है । और हम मात्र चंद्रमा और तारे के प्रकाश से प्रकाशित हो रहे हैं । सूर्य का प्रकाश अभी हमारी आत्मा से नहीं निकला है । हमें अपनी आत्मा में सूर्य रूपी प्रकाश का आलोक प्रकाशित करना है। और मोह रूपी चांद और तारों का प्रकाश सूर्य रूपी प्रकाश के आगे हमारे जीवन में अन्धकारमय बनाये हुए है। यह उद्गार खजुराहो में विराजमान परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने अपने प्रवचन के माध्यम से हजारों की तादाद में उपस्थित जैन समुदाय के बीच रखी प्रवचन में आचार्य श्री की वैज्ञानिक शैली को सुनकर सभी हतप्रभ रह गए
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आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज सासंघ का 2018 का चातुर्मास कहा होने जा रहा हैं?