ShortNews in English
Balotara: 11.05.2012
National Camp for children will start today at Balotara in Presence of Acharya Mahashraman. It will be organized by Mahasabha. 600 children will participate in camp. Muni Jinesh Kumar and Muni Jitendra Kumar told this thing in Press Conference. Good Sanskar will be given to children. Seven days camp will start on 11th May and will end on 18th May.
News in Hindi
राष्ट्रीय संस्कार निर्माण शिविर आज से
बालोतरा ११ मई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो के लिए
जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के तत्वावधान में 11 मई से 18 मई तक राष्ट्रीय संस्कार निर्माण शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर में देशभर से बालोतरा पहुंचे 13 से 19 साल के 600 बालक-बालिकाओं को संस्कारित किया जाएगा। बालकों व बालिकाओं के लिए अलग-अलग शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें साधु, साध्वियां व समणियां बालक-बालिकाओं को संस्कारित करेंगे। यह जानकारी गुरुवार को नया तेरापंथ भवन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान मुनि जिनेशकुमार व मुनि जितेंद्र कुमार ने दी।
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष हीरालाल मालू ने बताया कि ऐसे शिविरों से बच्चों में संस्कार पुष्ट होते हैं। मुनि जितेन्द्र कुमार ने बताया कि आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में ऐसे शिविरों का आयोजन भावी पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आचार्य तुलसी ने इस परंपरा को ज्ञानशाला के माध्यम से शुरू किया था। इसके बाद आचार्य महाप्रज्ञ ने संस्कार शिविरों का आयोजन शुरू करवाया। आचार्य महाश्रमण ने इस वर्ष बालोतरा में राष्ट्रीय संस्कार शिविर आयोजित करवाने की अनुमति दी है। मुनि जिनेशकुमार ने कहा कि आजादी के बाद भारत में हर दिशा में विकास हुआ है, मगर संस्कार के क्षेत्र में हम पहले से पिछड़ गए हैं।
ऐसे होंगे संस्कार शिविर:
मुनि जितेंद्र कुमार ने बताया कि बालकों के शिविर साधुओं के सानिध्य में चलेंगे, वहीं बालिकाओं को साध्वियां व समणियां संस्कारवान बनाएंगीं। शिविर में बालक-बालिकाएं सवेरे 4.30 बजे उठेंगे। नित्यचर्या के बाद 5.30 से 6 बजे तक गुरु वंदना मंगल पाठ होगा। इसके साथ ही ध्यान, योगासन व प्राणायाम का क्रम चलेगा। शिविर में रोजाना कंठस्थ पाठ होंगे। कायोत्सर्ग/ अनुप्रक्षा, अलग-अलग विषयों की कक्षाएं, इतिहास, रिविजन, बुद्धि व्यायाम, गमन योग, प्रतिक्रमण, अर्हत वंदन, गुरुसेवा आदि क्रम चलेंगे।
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