ShortNews in English
Jasol: 19.10.2012
Acharya Mahashraman said that people should try to increase their knowledge. he advised to devote time for deep study. Swadhayay is good tool to get knowledge. Mumukshu Puja and Mumukshu Bhagyashree requested for Diksha and Acharya Mahashraman consented to give Diksha on 23rd January 2013 at Asasa.
News in Hindi
ज्ञान ग्रहण करने का प्रयास करें: आचार्य महाश्रमण
जसोल.दि.१९.१०.१२., जै.ते.न्यू.ब्योरों.
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने व्यक्ति को ज्ञानार्जन की प्रेरणा देते हुए कहा कि सारभूत ज्ञान को ग्रहण करने का प्रयास होना चाहिए। व्यक्ति महत्वपूर्ण अध्ययन में अपना समय निर्धारित करें। व्यक्ति गहरे ग्रंथों को पढऩे में अपना समय नियोजित करें। आचार्य ने कहा कि ज्ञान के लिए स्वाध्याय की अपेक्षा होती है। व्यक्ति स्वयं पढ़े, दूसरों को भी पढ़ाएं। ज्ञान व दान भी पवित्र सेवा है। आचार्य ने कहा कि व्यक्ति में ज्ञान के प्रति जिज्ञासा होनी चाहिए। जिज्ञासा ज्ञान के विकास में सहायक है। स्वाध्याय करना, दोहरान करना भी ज्ञान को परिपक्व करने में, महत्वपूर्ण है। ज्ञान का चीतारना होने से ज्ञान के संस्कार जम जाते हैं। व्याख्यान, कथा करना भी स्वाध्याय है तथा निर्जरा का भी अच्छा साधन है। कार्यक्रम में मुमुक्षु भाग्यश्री व पूजा द्वारा आचार्य से दीक्षा की अर्ज की। आचार्य ने कृपा करते हुए दोनों मुमुक्षुओं को पौष शुक्ला 12(23 जनवरी) को असाड़ा में साध्वी दीक्षा देने की घोषणा की। इस अवसर पर असाड़ावासी भी उपस्थित थे। मर्यादार लोढ़ा(पचपदरा, मदुरई) द्वारा आचार्य से दीक्षित होने की भावना व्यक्त करते हुए आचार्य ने मर्यादा की दृढ़ता देख उसे मुमुक्षु रूप में साधना करने की आज्ञा प्रदान की। मुमुक्षु मर्यादा के पिता धनराज लोढ़ा ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी।
Shared by: Sanjay Mehta