ShortNews in English:
Amet: 03.02.2012
Diksha Given to Two Saman and Samani and to Two Mumukshu.
Stay Alert towards Sanyam: Acharya Mahashraman
News in Hindi
आमेट में दो मुमुक्षुओं को मिली दीक्षा, दो समण-समणी का श्रेणी आरोहण
'संयम के प्रति जागरूक रहें' - आचार्य श्री महाश्रमणजी
आमेट Updated on: Wed, 03 Feb 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो संवाददाता
अहिंसा समवशरण में गुरुवार को दो मुमुक्षुओं सहित चार जनों की दीक्षा समारोह हुआ। आचार्य महाश्रमण ने मुमुक्षुओं को दीक्षित करने के साथ संयम मार्ग पर चलने की सीख दी। उन्होंने अध्यात्म जगत में प्रवेश करने पर मुमुक्षु हेमाक्षी को समणी हर्ष प्रज्ञा और मुमुक्षु ज्योति को साध्वी जिज्ञासा प्रज्ञा नाम दिया। श्रेणी आरोहण कर समण गौतम प्रज्ञ को मुनि गण भक्त और समणी मुदित यशा को साध्वी निमांशा प्रज्ञा नाम मिला।
सुबह नौ बजे शुरू हुए समारोह में आचार्य ने जैन दीक्षा प्रदान करते हुए कहा कि तेरापंथ की दीक्षा में बहुत पारदर्शिता होती है। इसमें लिखित और मौखिक आज्ञा अभिभावकों से ली जाती है। आचार्य ने नव दीक्षितों से कहा कि वे संयम के प्रति जागरूकता रखते हुए निर्देश संयम से हर क्रिया करें। आज का दिन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन आचार्य महाप्रज्ञ को भी दीक्षा दी गई थी। तेरापंथ धर्म संघ में कुछेक संत ही ऐसे हुए है, जिनमें प्रतिभा, प्रज्ञा और साधना का समावेश था। इनमें से एक थे आचार्य महाप्रज्ञ। तेरापंथ शासन को उनसे सेवा मिली। उन्होंने अहिंसा यात्रा के माध्यम से देशवासियों को प्रेरणा दी। जीवन के ग्यारहवें वर्ष में उन्होंने दीक्षा ग्रहण की और उनके आचार्यत्व में कई साधु-साध्वी दीक्षित हुए।
आचार्य व साध्वी कनकप्रभा ने किया केश लोच
Updated on: Wed, 03 Feb 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो संवाददाता
आचार्य ने दीक्षार्थी समण गौतम प्रज्ञ का केशलोचन संस्कार संपन्न करते हुए कहा कि शिष्य की चोटी गुरु के हाथों में आ गई है। अब इस लोच का तात्पर्य है गुरु के अनुशासन में रहना। साध्वी दीक्षा लेने वाली मुमुक्षु ज्योति और समणी दीक्षा लेने वाली मुमुक्षु हेमाक्षी का केशलोचन संस्कार साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने किया।
रजोहरण प्रदान किया:
आचार्य ने अहिंसा ध्वज रजोहरण को आर्ष वाणी में आशीर्वाद के साथ मुनि गण भक्त को प्रदान किया। उन्होंने कहा कि मुनि ज्ञान दर्शन, चरित्र में वर्धमान होता रहे। साध्वी जिज्ञासा प्रभा व समणी हर्ष प्रज्ञा को साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने, जबकि साध्वी निमर्ल प्रज्ञा को मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुतविभा ने रजारोहण प्रदान किया। पारमार्थिक शिक्षण संस्थान के डूंगर मल बरमेचा ने लिखित आज्ञा पत्र का वाचन किया। लिखित आज्ञा पत्रों को शेष त्न पेज १२
दीक्षार्थियों के अभिभावकों द्वारा आचार्य के चरणों में समर्पित किए गए। समणीवृंद की ओर से गीत का संगान किया गया। संयोजन मुनि मोहजीतकुमार ने किया।
नशामुक्ति संकल्प के 16.50 लाख फॉर्म भेंट
Updated on: Wed, 03 Feb 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो संवाददाता
अणुव्रत शिक्षक संसद की ओर से नशामुक्ति संकल्प के 16 लाख 50 हजार फॉर्म आचार्य को भेंट किए गए। इस दौरान अणुव्रत प्रभारी मुनि सुखलाल, अणुव्रत शिक्षक संसद के अध्यक्ष भीखमचंद नखत, संरक्षक हीरालाल श्रीमाली एवं उपाध्यक्ष धर्मचंद अनजाना ने विचार व्यक्त किए। कन्या मंडल आमेट की ओर से नवग्रह के आधार पर गुरुवर के व्यक्तित्व पर प्रस्तुति दी गई।